कोहिनूर हीरा (Kohinoor Diamond)
- कोहिनूर हीरा (Kohinoor Diamond) कब और कहाँ से निकला, इसका स्पष्ट उल्लेख कहीं नहीं मिलता।
- ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार 720 कैरेट वजन का कोहिनूर हीरा (Kohinoor Diamond), जिसका वजन अब केवल 105 कैरेट ही रह गया है, आन्ध्र प्रदेश के गोलकुंडा खान से निकला था।
- इस पर काकातीय वंश के शासकों का कब्जा था।
- चौदहवीं शताब्दी के आरम्भ में अलाउद्दीन खिलजी के सैनिकों ने दक्षिण भारतीय राजाओं के क्षेत्रों में लूट-पाट मचाई और अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति मलिक काफूर ने इस हीरे को वारंगल के राजा रुद्रदेव तृतीय से ले लिया।
- कई सौ वर्षों तक यह मुगल शासकों के अधिकार में रहा।
- शाहजहां ने इसे अपने मयूर सिंहासन पर जड़वा कर रखा था।
- अन्ततः इसे अंग्रेजों ने प्राप्त कर ब्रिटेन की महारानी को सौंप दिया।
आज भी यह कोहिनूर हीरा (Kohinoor Diamond) ब्रिटेन की महारानी के ताज पर जड़ा हुआ है।
- अंग्रेजों के छक्के छुड़ा देने वाले ‘मैसूर के शेर’ टीपू सुल्तान की भारी-भरकम तलवार (Sword of Tipu Sultan) सैकड़ों वर्षों तक यह अंग्रेजों के अधिकार में रही।
- इस तलवार की मूठ रत्नजटित है तथा इसकी कारीगरी एकदम खास है।
- टीपू सुल्तान की तलवार के साथ ही उनकी सोने की अत्यन्त सुन्दर अँगूठी, जिस पर ‘राम’ नाम अंकित है, को भी ईस्ट इण्डिया की फौज इंग्लैण्ड ले गई थी।
- स्मरणीय है कि टीपू सुल्तान को विश्व का पहला मिसाइल मैन माना जाता है तथा लंदन के प्रसिद्ध साइंस म्यूजियम में आज भी टीपू सुल्तान के रॉकेट, जिन्हें अंग्रेजों ने अठारहवीं सदी के अंत में अपने साथ ले गये थे, रखे हुए हैं।
- महान वैज्ञानिक एवं भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने टीपू सुल्तान को पहला रॉकेट आविष्कारक बताया था।
- लगभग 500 कि.ग्रा. वजनी सुल्तानगंज बुद्ध (Sultanganj Buddh) की मूर्ति सन् 1861 बिहार के भागलपुर जिले में रेल की पटरियाँ बिछाते समय एक अंग्रेज अधिकार को मिली थी।
- पीतल की यह मूर्ति लगभग 1500 साल पुरानी है।
- आज यह मूर्ति बर्मिंघम नगर के म्यूजियम में रखी हुई है।
- इस मूर्ति को गुप्तकालीन माना जाता है।
- सन् 1845 में ब्रिटिश अधिकारी सर वॉल्टर इलियट की देखरेख में अमरावती में स्थित स्तूप की खुदाई का काम आरम्भ हुआ और 1880 के दशक में लगभग 120 संगमरमर निर्मित नक्काशीदार कलाकृतियों को ब्रिटिश म्यूजियम में पहुँचा दिया गया।
- मराठा वीर शिवाजी की ‘जगदम्बा’ नामक तलवार (Sword of Shivaji) आज ब्रिटेन की रानी एलिजाबेथ के बंकिंघम पैलेस में है।
- इतिहासकारों के अनुसार शिवाजी के पास तीन तलवारें थीं – ‘जगदम्बा’, ‘तूलजा’ और ‘भवानी’।
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